केरल में Nipah Virus से हुई 2 मौत, अब तक 5 और मेरीज़ इसकी चपेट में| मलप्पुरम जिले में हाईलेवल.
Nipah Virus : केरल में एक बार फिर से निपाह वायरस ने कदम रख दिया है, केरल के कोझिकोड जिले में बुखार से हुई दो मरीजों की मौत के बाद से केरल के दक्षिणी राज्य में एक बार फिर निपाह वायरस फैलने की आशंका जताई जा रही है. ताज़ा मिली जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक 5 मरीज ऐसे मिले है जो निपाह वायरस से संक्रमित है. मलप्पुरम में 14 वर्षीय एक किशोर में निपाह वायरस की पुष्टि होने के बाद से ही निपाह वायरस के प्रकोप को लेकर अलर्ट कर दिया गया है.
निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को मलप्पुरम जिले में एक हाईलेवल मीटिंग राखी. मीटिंग में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई
निपाह वायरस के लक्षण
इस वायरस से संक्रमित लोगो में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ,गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. अगर मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर तो मरीज इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है. अगर मरीज को इन्सेफेलाइटिस है तो मरीज 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है. इस वायरस के लक्षण इंसान में 5 से 14 दिन के भीतर दिख जाते हैं
निपाह वायरस कितना खतरनाक है?
यह वायरस बहुत ख़तरनाक माना जाता है. इसमें मृत्यु दर ज्यादा होने के कारण इसको ज्यादा खतरनाक ख़तरनाक माना जाता है. केरल में जब एक बार निपाह वायरस फैला था तो इसकी मृत्यु दर 45 से 70 फीसदी तक थी.
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक ऐसी बिमारी है जो एक इंसान से दूसरे इंसानों में फेलती है. निपाह वायरस का स्रोत जानवर को माना जाता है. ऐसा माना जाता है की यह वायरस चमगादड़ के जरिए इंसानों में फैलता है. विशेषज्ञ का ऐसा भी मानना है कि ये कुत्ते, बिल्ली, सुअर, घोड़े और संभवत, भेड़ से भी फैलता है.
अगर कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित है तो वो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है
निपाह वायरस से बचाव
यह वायरस जो एक इंसान से दूसरे इंसानों में फेलती है. अगर आप ऐसे इंसान की देखभाल कर रहे हैं जो इस वायरस से पिडित है, ऐसे इलाके में रहते हैं या यात्रा करते हैं जहाँ इस वायरस का प्रकोप है तो आप मास्क का प्रयोग करे, अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएँ। फ़्लाइंग फ़ॉक्स चमगादड़ या बीमार सूअरों के संपर्क में आने से बचें.