4 रेप केस जिसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी
रेप की घटना हम आये दिन सुनते रहते हैं। लेकिंग आज हम आपको उन बड़े रेप की घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमे हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। हद तो तब हो गई जब बलात्कारियों के समर्थन में रैली निकली गई। हैवानो ने 8 की बच्ची तक को नहीं छोड़ा। एक बार फिर से कोलकाता में ऐसी ही एक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया है।
1. कठुआ रेप केस जनवरी 2018
जनवरी 2018 को जम्मू कश्मीर में कठुआ में 6 हैवानों ने 8 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बच्ची को पहले अगवा किया गया बाद में बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई, इसके बाद लड़की का शव गांव से एक किलोमीटर दूर फेंक दिया गया
इस घटना को अंजाम देने वालों के समर्थन में एक रैली निकाली गई जिसका समर्थन BJP के 2 नेताओं ने भी किया, इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट 6 लोगों को दोषी करार दिया
3 लोगों को उमर कैद की सजा सुनाई गई जब 2 पुलिस वालों के साथ एक अन्य को 5-5 साल की सजा सुनाई गई
2. हाथरस रेप केस 14 सितम्बर 2020
14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक ऐसी रेप की घटना हुई जिसने पूरे देश की झकझोंर कर रख दिया
19 दल की लड़की के साथ 4 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया, विकिपीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार का विरोध करने पर लड़की के गले में दुपट्टा डालकर उसे घसीटा गया, उसकी जबान काट दी गई
बाद में इलाज के दौरान पीड़िता की जंग हार गई । दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया, इधर कोर्ट ने भी चार में से 3 आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया
3. निर्भया रेप केस 16 दिसम्बर 2012
16 दिसम्बर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में हुई रेप इस घटना ने पूरी दिल्ली को शर्मसार कर दिया, जिस हैवानियत से इस घटना को अंजाम दिया गया उसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी
बलात्कार की ये घटना दिल्ली के मुनिरका में एक बस में हुई थी, बस में मौजूद 6 लोगों ने लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड तक डाला गया
जिस तरह इस लड़की के साथ सुलूक किया गया, मानो इस घटने को किसी हैवान ने अंजाम दिया था लड़की को इलाज के लिए पहले दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल लाया गया और फिर सिंगापुर भेजा गया जहाँ उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
4. बिलक़ीस बनो रेप केस
3 मार्च 2002 बिलक़ीस और उसके परिवार के लिए कयामत वाला दिन था। इसी दिन बिलक़ीस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके परिवार के 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
जब बिलक़ीस के साथ ये घटना हुई तब वह 5 महीने की प्रेग्नेंट थी। उसके परिवार में जिन 7 लोगों की हत्या की गई उसमे उसकी मासूम ३ साल की बच्ची भी शामिल थी।
बिलक़ीस के साथ 11 हैवानो ने सामूहिक बलात्कार किया था। 21 जनवरी 2008 को कोर्ट ने इन सभी 11 दरिंदों को उम्र कैद की सजा सुनायी थी।
लेकिन गुजरात सरकार इन आरोपियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ एक अर्जी डाली गई और सुप्रीम कोर्ट ने इनके अपराध को भयानक बताते हुए कहा की ये अपराधी किसी भी तरह से सजा में छूट के हक़दार नहीं है।